8th Pay Commission: नई दिल्ली: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारी और पेंशनधारक बेसब्री से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में इसके गठन की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अब तक इसका कामकाज शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में सबके मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है। आइए जानते हैं पूरी वजह…
8वें वेतन आयोग में देरी की बड़ी वजहें
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अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति लंबित
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कार्य-परिधि (ToR) तैयार नहीं हुई
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बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया
सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति अटकी
सरकार ने आयोग की घोषणा तो कर दी है, लेकिन अब तक यह तय नहीं हुआ कि इसमें कौन-कौन सदस्य होंगे और अध्यक्ष कौन बनेगा। यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग का गठन अधर में लटका हुआ है।
ToR तैयार नहीं हो पाया
वेतन आयोग केवल घोषणा से शुरू नहीं होता। इसके लिए एक विस्तृत Term of Reference (ToR) तैयार करना ज़रूरी होता है, जो बताता है कि आयोग किस दायरे और नियमों के तहत काम करेगा। सरकार अभी तक ToR को अंतिम रूप नहीं दे पाई है, जिससे कामकाज की आधिकारिक शुरुआत नहीं हो सकी है।
सरकार पर भारी पड़ेगा खर्च
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा। 7वें वेतन आयोग के बाद भी सरकारी खजाने पर हज़ारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त दबाव पड़ा था। मौजूदा समय में देश की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है, इसलिए सरकार फिलहाल कोई बड़ा बजटीय फैसला लेने से बच रही है।8th Pay Commission
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
जानकारी के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग को लागू होने में अभी करीब 3 साल का समय लग सकता है। यानी कर्मचारियों को 2028 तक इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, 7वें वेतन आयोग की घोषणा और उसके लागू होने के बीच भी इतना ही समय लगा था।8th Pay Commission
यानी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को अभी लंबा इंतजार करना होगा।









