सादुलपुर – महाराणा प्रताप सेठिया भवन में चल रहे जैन पर्यूषण महापर्व के अंतर्गत सातवें दिन ध्यान दिवस मनाया गया। आचार्य महाश्रमण की वयोवृद्ध शिष्या शासनश्री साध्वी विद्यावती के सानिध्य में उक्त धर्म समारोह चल रहे हैं। कार्यक्रम साध्वी विद्यावती के मंगल प्रवचन से शुरू हुआ जिन्होंने भगवान महावीर के जीवन सिद्धांतों का उल्लेख किया। साध्वी सूर्य यशा तथा प्रशस्त प्रभा ने ध्यान के प्रकार एवं तरीकों के साथ ध्यान के महत्व का विवरण दिया। अपने व्याख्यान में इन साध्वियों ने कहा कि ध्यान एक मानसिक अभ्यास है जिससे आत्म-जागरूकता बढ़ती है और समग्र मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
साध्वी दिव्या प्रभा ने संयम के महत्व पर विचार व्यक्त किए और सुशील भगत सरावगी, पवन कोठारी तथा अभिषेक सरावगी ने संयम जीवन से संबंधित गीतिका का सामूहिक गान किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमरचंद कोठारी मंत्री विनोद कोचर सहित राजगढ़ के हनुमान सुराणा, दानमल सेठिया, रामलाल छाजेड़, पवन मुसरफ, प्रमोद सरावगी ऋषभ व श्वेता जैन आदि श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रही।
बुधवार को मनाई जाएगी संवतसरी – त्याग और व्रत का संवतसरी महापर्व बुधवार को सेठिया भवन में ही मनाया जाएगा। साध्वियों के सानिध्य में प्रवचन कार्यक्रम प्रातः 8:30 बजे शुरू हो जाएगा जो दोपहर बाद तक लगातार चलेगा। दोनों ही क्षेत्र के जैन श्रद्धालुओं की इसमें भागीदारी रहेगी। इसी प्रकार गुरुवार को प्रातः सूर्योदय के साथ ही सामूहिक क्षमापना “खमत खामणा” का विशिष्ट आयोजन होगा। ऐसा कार्यक्रम सिर्फ जैन धर्म में मनाया जाता है।













