Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025: इस बार भाइयों और बहनों का पवित्र त्योहार रक्षा बंधन 2025 पूरे देश में 9 अगस्त को मनाया जाएगा। 90 साल बाद इस बार रक्षाबंधन पर दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। यहाँ शुभ समय और शुभ मुहूर्त देखें।
Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025: भाई-बहन के अटूट बंधन का त्योहार रक्षाबंधन 2025 (9 अगस्त) 90 वर्षों के बाद एक बहुत ही दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग होगा। इस बार सबसे बड़ी बात यह है कि रक्षाबंधन के दिन किसी भी तरह की भद्रा छाया नहीं होगी। इसके साथ ही राखी के दिन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं।
ज्योतिषी पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि ग्रहों की गति के संदर्भ में बुध ग्रह के उदय, बुध और सूर्य के मिलन के कारण इस बार बुद्धादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा रक्षाबंधन 2025 के दिन सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र एक साथ आएंगे। इस बार न तो भद्रा की छाया होगी और न ही ग्रहण जैसी कोई बाधा। बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बांध सकेंगी।
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प्रदोष काल के दौरान राखी बांधना सबसे अच्छा होता है।
वहीं, ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने कहा कि इस साल रक्षाबंधन 2025 के दिन विभिन्न ग्रहों का संयोजन और योग उत्सव का महत्व शुभ रहेगा। रक्षा बंधन 2025 के दिन प्रदोष काल के दौरान शाम 7.05 बजे से रात 9.16 बजे तक राखी बांधना सबसे अच्छा रहेगा। इससे पहले राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1.51 बजे से 4.28 बजे तक है। वर्तमान में इस साल रक्षाबंधन के दिन कोई अशुभ मुहूर्त नहीं है, ऐसे में पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025
Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025 | रक्षाबंधन 2025
इसके अलावा इन दिनों राखी त्योहार को लेकर बाजारों में भी काफी उत्साह है। बहनें अपने भाइयों के लिए विभिन्न प्रकार की राखी खरीद रही हैं। मिठाइयाँ भी खरीदी जा रही हैं। पिछले साल तक जयपुर में कोलकाता, सूरत और अन्य स्थानों से राखी बेची जाती थी। अब जयपुर में महिलाओं द्वारा राखी तैयार की जा रही है।
बाजार में इन उत्पादों की मांग
राजपार्क की निवासी पार्वती ने कहा कि उन्होंने खुद एक विशेष धातु राम राखी तैयार की है। इस पर जय श्री राम लिखा हुआ है। यह कृत्रिम चमड़े से बना है। अन्य राखियों की कीमत 5 रुपये से 600 रुपये के बीच है। बच्चों के लिए डोरेमैन, स्पाइडरमैन, स्टोन डोरी और म्यूजिक, चॉकलेट राखी बेची जा रही हैं।Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025
रक्षा बंधन 2025: शुभ मुहूर्त, दुर्लभ योग और विशेष पर्व
परिचय
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के सबसे पवित्र, प्रेम भरे और विश्वास के रिश्ते का प्रतीक है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को हर्षोल्लास, मंगलकामनाओं और पारिवारिक एकजुटता के साथ सम्पूर्ण देश में मनाया जाता है। हर वर्ष की तरह 2025 में भी रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और दुर्लभ योग बना है, जो इस पर्व की आध्यात्मिकता और विशिष्टता को और ऊँचा करता है।
रक्षा बंधन 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- पर्व का दिन: शनिवार, 9 अगस्त 2025
- पूर्णिमा तिथि: 8 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे से लेकर 9 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे तकindiatoday+3
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक (अर्थात् कुल 7 घंटे 37 मिनट)aajtak+3youtube
- शहरवार मुहूर्त:
- दिल्ली: 5:47 AM – 1:24 PM
- मुंबई: 6:18 AM – 1:24 PM
- गुड़गांव: 5:48 AM – 1:24 PMhindustantimes
भद्रा काल और उसका प्रभाव
इस वर्ष भद्रा काल (ग्रहों का अशुभ काल) सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, अत: राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ माना जाएगा। इस साल पूजा के समय कोई बाधा नहीं है: बहनें दिनभर राखी बांध सकती हैं।indiatv+3youtube
राहुकाल का समय (जांच आवश्यक)
राहुकाल में पूजा कार्य वर्जित माना जाता है। उदाहरण के लिए दिल्ली में राहुकाल 9:07 AM से 10:47 AM तक रहेगा, इस अवधि से बचना अच्छे परिणाम देता है।ndtv
2025 में जो विशेष और दुर्लभ योग हैं
297 वर्षों बाद एक विशेष संयोग
- ग्रहों का अद्भुत समन्वय: 297 साल बाद वही 8 ग्रह उसी राशि में हैं, जैसे 1728 में थे.batenupki+3
- सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, सौभाग्य योग: इन योगों का निर्माण इस वर्ष हो रहा है, जिससे पर्व की शुभता कई गुणा बढ़ जाती है.amarujala+3
- भद्रा मुक्त राखी: इस बार अशुभ भद्रा नहीं है, जो अत्यंत दुर्लभ संयोग है.youtubempcg.ndtv+1
ग्रह स्थिति
ग्रह | राशि |
---|---|
सूर्य | कर्क |
चंद्रमा | मकर |
मंगल | कन्या |
बुध | कर्क |
गुरु, शुक्र | मिथुन |
राहु | कुंभ |
केतु | सिंह |
इन ग्रहों के एक साथ इसी स्थिति में होने से निश्चित रूप से शुभता, सफलता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार राशियों में होता है। विशेषकर इस साल कुछ राशियों के लिए भारी लाभ का योग बताया गया है।
राखी बांधने की विधि एवं परंपरा
- पूजन की थाली: रोली, चावल (अक्षत), दही, दीपक, मिठाई, रक्षा सूत्र को सजाएं।
- भगवान की पूजा: थाली सबसे पहले भगवान के सामने रखें।
- भाई को बैठाना: पूर्व या उत्तर दिशामुखी बैठाएं।
- तिलक व रक्षा सूत्र: भाई के माथे पर तिलक, कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें। उसके बाद आरती करें।
- मिठाई: भाई को मिठाई खिलाएं।
- आशीर्वाद: माता-पिता व गुरु का आशीर्वाद लें।
- उपहार: सामर्थ्यानुसार उपहार दें, हानिकारक वस्तुएं ना दें जैसे काले वस्त्र या तीखा/नमकीन खाना.aajtak
रक्षा बंधन का महत्त्व और भावार्थ
- भाई-बहन का प्रेम मजबूत बनता है।
- बहन भाई की लंबी उम्र और सफलता की कामना करती है।
- भाई बहन की रक्षा का वचन देता है।
- परिवार में संबंधों की समृद्धि और सौहार्द का संकल्प लिया जाता है।
- दान-दक्षिणा एवं पुण्य कार्य से पर्व महान और मंगलकारी बनता है।
इस वर्ष किन राशियों को मिलेगा विशेष फायदा?
ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, सौभाग्य योग, श्रवण नक्षत्र और शनिवार का संयोग कुछ राशियों के लिए विशेष लाभकारी रहेगा। कई राशियों के भाग्य में बदलाव, उन्नति और समृद्धि के योग प्रबल बताए गए हैं।mpcg.ndtv+4
विस्तार: दुर्लभ योग की ज्योतिषीय व्याख्या
297 वर्षों बाद ग्रहीय पुनरावृत्ति का सीधा प्रभाव
- पिछले तीन शताब्दियों में ऐसा संयोग नहीं हुआ।
- यह समय आध्यात्मिक उन्नति, पारिवारिक सुख, वैभव, आयु में वृद्धि, मानसिक शांति और परस्पर प्रेम-विश्वास को कई गुणा बढ़ाने वाला रहेगा।
- शास्त्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में राखी बांधना भाई के लिए अत्यंत मंगलकारी और उपहार स्वरूप होगा।panchjanya+3
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न: रक्षा बंधन 2025 में शुभ मुहूर्त कब है?
उत्तर: 9 अगस्त 2025 को सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक।youtubeindianexpress+2
प्रश्न: इस साल राखी किस ग्रह योग में बांधी जाएगी?
उत्तर: सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग, शोभन योग सहित 297 वर्ष बाद समान ग्रह स्थिति।
प्रश्न: क्या भद्रा और राहुकाल का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: भद्रा सूर्योदय से पहले समाप्त है, पर राहुकाल के समय राखी ना बांधें।ndtv+1
प्रश्न: क्या रात या शाम को भी राखी बांध सकते हैं?
उत्तर: शुभ मुहूर्त दोपहर 1:24PM तक ही है, इसके बाद तिथि समाप्त होगी।
निष्कर्ष
रक्षा बंधन 2025 का पर्व केवल पारंपरिक उत्सव नहीं, बल्कि दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर बना है। इस बार बहनें पूरे दिन बिना बाधा के अपने भाई की रक्षा के लिए राखी बांध सकती हैं। पर्व के अनुष्ठान, योग-संयोग, ग्रहों की स्थिति और शुभ काल सपरिवार हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए अत्यंत श्रेष्ठ है।
इस रक्षाबंधन पर प्रेम, भाईचारा और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संचार ही इस पर्व का सबसे बड़ा संदेश है।
नोट: पर्व को लोक-मान्यताओं और धार्मिक शास्त्र के अनुसार ही मनाएं, घर-परिवार में सुख-समृद्धि, प्रेम और परस्पर सहयोग के साथ इस रक्षा बंधन का आनंद लें।